Home जिले के समाचार महालक्ष्मी, रूकमणि, नारायण को ही प्राप्त हो सकती है, शिशुपाल को नहीं

महालक्ष्मी, रूकमणि, नारायण को ही प्राप्त हो सकती है, शिशुपाल को नहीं

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यमुनानगर (रादौर)। श्री राधाकृष्ण मंदिर रादौर में चल रहे श्री व्यास पूर्णिमा महोत्सव के छठे दिन बुधवार को भी श्रीमदभागवत कथा का आयोजन किया गया। भागवत कथा में सैकडों श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे। इस अवसर पर कथा वाचक आचार्य पंडित भगवती प्रसाद शुक्ल ने कहा कि महालक्ष्मी, रूकमणि, नारायण को ही प्राप्त हो सकती है, शिशुपाल को नहीं। शिशु के लालन पालन में जिसका धन और समय लगा रहता है अर्थात हमेशा सांसारिक और भौतिक सुखों के पीछे ही भागता रहता है। वहीं शिशुपाल है। परमात्मा लक्ष्मी के स्वामी है। लक्ष्मी जी जीव मात्र की माता है। इसलिए जीव को उपयोग करने का अधिकार है। उपभोग का नहीं। लक्ष्मी के उपभोग का अधिकार तो केवल नारायण को ही है। उपभोग व उपयोग में अंतर है। इन्द्रियों को अनिवार्य वस्तु, विषयों का देना उपयोग है, किंतु इंद्रियों की बिना आवश्यकता के इंन्द्रियों के अधीन होकर उन्हें विषय देते रहना, उन्हें बहलाते रहना, स्वेच्छाचार ही उपयोग है। इस अवसर पर अश्वनी गुप्ता, संजीव शर्मा, रविन्द्र शर्मा, पंडित संजय शर्मा, संजीव चौहान, रोहित अरोडा, राकेश सिंगला, पंकज कुमार, विनोद सोनी, प्रदीप शर्मा आदि मौजूद थे।

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