Home धर्म | समाज रामलीला से पूर्व माँ भगवती की अध्यात्ममयी झांकी ने भक्तों को मंत्रमुग्ध

रामलीला से पूर्व माँ भगवती की अध्यात्ममयी झांकी ने भक्तों को मंत्रमुग्ध

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रामलीला से पूर्व माँ भगवती की अध्यात्ममयी झांकी ने भक्तों को मंत्रमुग्ध
यमुनानगर। श्रीरामचरितमानस आदर्श पिता-पुत्र, आदर्श पति-पत्नी, आदर्श भ्राता, आदर्श सेवक व आदर्श प्रेम की आदर्श गाथा है। हम सबको रामायण की शिक्षाओं को व्यवहार में लाना चाहिए। यह बात श्रीराम कला मन्दिर करेड़ा खुर्द की पावन रामलीला में दशानन रावण की भूमिका निभाने वाले शिवशंकर ने कही। शंकर ने उपस्थित लीलाप्रेमियों से कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की यह अमृतलीला पारिवारिक संस्कारों की शिक्षा देती है।
इस दौरान गाँव करेड़ा खुर्द की 50वीं पवित्र रामलीला में शारदीय नवरात्रों के चतुर्थ दिवस पर मनोरम पंचवटी, शूर्पणखा नासिका छेदन व खर- दूषण वध का बेहद खूबसूरत नाट्य मंचन किया गया । लीला से पूर्व माँ भगवती की अध्यात्ममयी झांकी ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आज के प्रसंग में दिखाया गया कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम, शेषावतार लक्ष्मण तथा वैदेही सीता वन में भ्रमण करते हुए पंचवटी पहुंचते हैं और उसके अलौकिक प्राकृतिक सौंदर्य को निहारते हैं। अपने सौम्य स्वभावानुकूल आदिपुरुष श्रीराम प्रकृति माता को नमन करते हैं। इसी दृश्य के दौरान लंकेश रावण की बहन शूर्पणखा आती है। वह नीलवर्ण श्रीराम के अतुलित सौंदर्य पर मुग्ध हो जाती है और अपना राक्षसी रूप छोड़कर कमनीय नारी का रूप धरकर विवाह का प्रस्ताव रखती है।
श्रीराम के मना करने पर गौरवर्ण यति लक्ष्मण के समक्ष भी यही प्रस्ताव रखती है। राम व लक्ष्मण दोनों के मना करने पर वह राक्षसी वेश धारण कर माता सीता की ओर बढ़ती है। जिस पर श्रीरामानुज लक्ष्मण क्रोधित होकर उसकी नाक और कान कटार से काट देते हैं। फिर लंकेश भगिनी शूर्पणखा विलाप करती हुई अपने भाई खर-दूषण के पास जाकर आपबीती सुनाती है। खर-दूषण आक्रोशित होकर राम-लक्ष्मण से युद्ध करते हैं और अंततः सेना समेत मृत्यु-शैया पर लेट जाते हैं। तब शूर्पणखा दशानन रावण के पास अपना दुखड़ा रोती है। आज का मंचन यहीं पर समाप्त हो जाता है। इन समस्त दृश्यों का आनन्द उठाने के लिए लीलास्थल लीलाप्रेमियों से खचाखच भरा हुआ था।
शूर्पणखा के किरदार को राजा ने और खर-दूषण की भूमिका को योगेश ग्रोवर व निकलेश चौधरी ने अपनी बेजोड़ अदाकारी से जीवंत कर दिया। क्लब डायरेक्टर मदन शर्मा के दिशा-निर्देश में श्रीराम का किरदार पारस मानिकटाहला, लक्ष्मण का राकेश कश्यप, सीता का पंकज गोगिया और रावण का शिवशंकर ने बखूबी निभाया। इस मौके पर चीफ एडवाइजर अनिल शर्मा, प्रधान अशोक मानिकटाहला, मंच संचालनकर्त्ता सोनू मक्कड़, नीरज मानिकटाहला, रामकुमार, पप्पी मक्कड़, हरबंस मक्कड़, किशोर शर्मा, रोहित शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, अशोक शर्मा, दिव्यांशु मनन, राजू खरबंदा, अदरीस अहमद, अतिरेक मसीह आदि ने व्यवस्था संभाली।