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योग व आयुर्वेद आज के समय की मांग

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योग व आयुर्वेद आज के समय की मांग
रादौर, 10 अगस्त (): जेएमआईईटीआई इंजि कॉलेज रादौर में योग एवं आयुर्वेद की महता विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के कुलपति प्रोफेसर बलदेव धीमान मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित हुए। इस अवसर पर डॉ धीमान ने कहा कि योग व आयुर्वेद आज के समय की मांग है। अगर व्यक्ति अपनी शारीरिक प्राकृति को समझ ले और उसके अनुसार अपनी जीवनशैली को डाल ले तो कोई भी रोक आसानी से नहीं होगा। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में रोग की बजाय रोगी का उपचार किया जाता है। रोग होने के कारण पर ध्यान दिया जाता है। उन्होंने कॉलेज के बच्चों व स्टाफ सदस्यों को स्वस्थ रहने की विधि बताई। आयुर्वेद मे हर बिमारी का ईलाज है। इस अवसर पर कॉलेज के निदेशक डॉ रणजीतसिंह चौहान ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है। इसलिए योग और आयुर्वेद क ो अपनाकर अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाए। कार्यक्रम के संयोजक डॉ शंशाक शर्मा ने वात, पित व कफ के संतुलन क ो विज्ञान से जोडकर उसे प्राकृति का नियम बताया। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज के निदेशक डॉ आरएस चौहान ने मुख्य वक्ता डॉ बलदेव धीमान को शॉल ओढाकर व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। मौके पर वाईस चेयरमैन पडित ज्ञान प्रकाश शर्मा, डॉ रणजीतसिंह, ओपी बाठला, डॉ शंशाक शर्मा, डॉ प्रेरणा गर्ग, सौरभ जैन, पुनम कालरा, उपासना सूद, नरेन्द्र बंसल, अमित रहेजा, रुचि गुप्ता, ऋचा गौड, राजेश सागवाल, दीप्ति कपूर आदि उपस्थित थे। रादौर 6 - जेएमआईईटीआई इंजि कॉलेज रादौर में आयोजित गोष्ठी का शुभारंभ प्रो० बलदेव धीमान ।
यमुनानगर (रादौर)। जेएमआईईटीआई इंजि कॉलेज रादौर में योग एवं आयुर्वेद की महता विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के कुलपति प्रोफेसर बलदेव धीमान मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित हुए। इस अवसर पर डॉ धीमान ने कहा कि योग व आयुर्वेद आज के समय की मांग है। अगर व्यक्ति अपनी शारीरिक प्राकृति को समझ ले और उसके अनुसार अपनी जीवनशैली को डाल ले तो कोई भी रोक आसानी से नहीं होगा। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में रोग की बजाय रोगी का उपचार किया जाता है। रोग होने के कारण पर ध्यान दिया जाता है। उन्होंने कॉलेज के बच्चों व स्टाफ सदस्यों को स्वस्थ रहने की विधि बताई। आयुर्वेद मे हर बिमारी का ईलाज है। इस अवसर पर कॉलेज के निदेशक डॉ रणजीतसिंह चौहान ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है। इसलिए योग और आयुर्वेद क ो अपनाकर अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाए। कार्यक्रम के संयोजक डॉ शंशाक शर्मा ने वात, पित व कफ के संतुलन क ो विज्ञान से जोडकर उसे प्राकृति का नियम बताया। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज के निदेशक डॉ आरएस चौहान ने मुख्य वक्ता डॉ बलदेव धीमान को शॉल ओढाकर व  स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। मौके पर वाईस चेयरमैन पडित ज्ञान प्रकाश शर्मा, डॉ रणजीतसिंह, ओपी बाठला, डॉ शंशाक शर्मा, डॉ प्रेरणा गर्ग, सौरभ जैन, पुनम कालरा, उपासना सूद, नरेन्द्र बंसल, अमित रहेजा, रुचि गुप्ता, ऋचा गौड, राजेश सागवाल, दीप्ति कपूर आदि उपस्थित थे।